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सीएम धामी बोले “प्रकृति और संस्कृति से जुड़ाव ही सच्चा स्वास्थ्य मार्ग”….

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देहरादून – लेखक गांव, थानो में आयोजित स्पर्श हिमालय महोत्सव का तीसरा और अंतिम दिन योग, आध्यात्म, नाड़ी विज्ञान और पर्यटन पर केंद्रित विशेष सत्रों के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय केवल भौगोलिक पहचान नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद भारत की देन हैं, जो आज पूरी दुनिया को स्वास्थ्य और शांति का संदेश दे रहे हैं।
“हमारी जीवनशैली में जब तक प्रकृति और संस्कृति का संतुलन रहेगा, तब तक हमारा स्वास्थ्य और समाज दोनों सुरक्षित रहेंगे।” — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

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इस दौरान नाड़ी रोग विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने कहा कि शरीर के सभी रोगों की जड़ मस्तिष्क में होती है और उनका उपचार भी वहीं संभव है। उन्होंने बताया कि आज अधिकांश बीमारियों की वजह अनुशासनहीन जीवनशैली, अनियमित आहार-विहार और अनिद्रा है। संयमित दिनचर्या और स्वच्छ अवचेतन मन के माध्यम से मनुष्य स्वस्थ जीवन जी सकता है।

सत्र में देशभर से आए योगाचार्यों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने योग, आयुर्वेद, पर्यटन और प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व पर अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड जैसे प्राकृतिक प्रदेश में योग और वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देना पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

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कार्यक्रम में बड़ी संख्या में योग साधक, पर्यटक, स्थानीय निवासी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। समापन सत्र में पारंपरिक संगीत और लोकसंस्कृति की प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और भी यादगार बना दिया।

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