हल्द्वानी – महिला महाविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ 14 अक्टूबर से हुआ। इस कार्यशाला में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट उदिता पंत विशेषज्ञ के रूप में प्रतिभागियों को संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा (Cognitive Behaviour Therapy – CBT) की प्रशिक्षण दे रही हैं।
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर आभा शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है, और इस तरह की कार्यशालाएं युवाओं को आत्म-सशक्त और मानसिक रूप से संतुलित बनाने में मददगार साबित होंगी।
कार्यक्रम की संयोजक प्रोफेसर रश्मि पंत एवं रितु मित्तल ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को व्यवहारिक समस्याओं के समाधान हेतु CBT जैसी आधुनिक तकनीकों से अवगत कराना है। कार्यशाला में स्नातकोत्तर गाइडेंस एंड काउंसलिंग तथा मनोविज्ञान विषय के शोधार्थी व छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
प्रोफेसर रश्मि पंत ने बताया कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सबसे पहले हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवा कई तरह के तनाव, अवसाद और व्यवहारिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं — ऐसे में CBT जैसी तकनीकें उन्हें आत्म-नियंत्रण और बेहतर सोच विकसित करने में मदद करती हैं।

कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञ उदिता पंत ने प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ्य सुधार, नकारात्मक विचारों की पहचान, व्यवहार संशोधन, तथा व्यक्ति की सोच को सकारात्मक दिशा में परिवर्तित करने के विभिन्न अभ्यास भी करवाए। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं, शोधार्थियों और छात्राओं ने मानसिक स्वास्थ्य विषय पर खुलकर चर्चा की और इसे जीवन का अभिन्न अंग मानने की अपील की।