उत्तरकाशी – जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जिला गंगा समिति की बैठक में गंगा एवं यमुना नदी को निर्मल बनाए रखने के लिए जिले में सीवेज प्रबंधन के लिए प्रस्तावित योजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने का कार्य तत्परता संपन्न करने के साथ ही गंगोत्री धाम में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में तय मानकों का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने नगरीय क्षेत्रों में कूड़े के समुचित प्रबंधन व लीगेसी कूड़े के निस्तारण पर विशेष ध्यान देने की हिदायत देते हुए कहा कि इस संबंध में हुई प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी।
जिला गंगा समिति की कलक्ट्रेट वीसी कक्ष में संपन्न बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जिले में गंगा व यमुना नदी के तटवर्ती नगरों, कस्बों व यात्रा पड़ावों में सीवेज प्रबंधन के लिए प्रस्तावित योजनाओं पर संबंधित विभागों व निकायों द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की विस्तार से समीक्षा की। जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को कहा कि गंगोत्री के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का सही तरीके से संचालन कर निर्धारित मानकों का अनिवार्यरूप से अनुपालन किया जाय।
जिलाधिकारी ने जिले के सभी नगर निकायों को पुराने कूड़े के निस्तारण की कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूरा करने और ठोस कूड़े के प्रबंधन के लिए कारगर व पर्याप्त व्यवस्थाएं सनिश्चित करने के साथ ही सफाई के लिए आवश्यक मशीनों, उपकरणों, टैंकर व वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री क्षेत्र के कूड़े के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाय और जानकीचट्टी व गंगोत्री में निर्मित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को नियमित रूप से संचालित किया जाय।

बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, उपजिलाधिकारी डुंडा देवानंद शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएस रावत, जिला गंगा समिति के सदस्य लोकेंद्र बिष्ट, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एलसी रमोला, अधिशासी अभियंता जल निगम मधुकांत कोटियाल, पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूडा सहित विभिन्न विभागों व नगर निकायों के अधिकारी उपस्थित रहे।